पिता के इलाज की सहायता के लिये वो सीधे जा चढा टीव्ही टॉवर पर
इम्तियाज़ जलील के आश्वासन के बाद युवक निचे उतरा।
औरंगाबाद.
सरकारी दफ्तर से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक बार बार चक्कर लगाने के बावजूद पिता के इलाज के लिए सरकारी मदद न मिलने से परेशान एक युवक ने टीवी टावर पर चढ़कर आत्महत्या की कोशिश की . मामला महाराष्ट्र के औरंगाबाद का है जहां मंगेश साबले नामक युवक अपने पिता के लीवर की बीमारी को लेकर आर्थिक रूप से परेशान है. प्राथमिक उपचार और टेस्ट के लिए उसने अपनी खेती बेच डाली जिसमे से ज्यादातर पैसा इलाज मे खर्च हो गया. डॉक्टर ने उसे पिता को बचाना है तो ऑपरेशन करना जरूरी बताया जिसके लिए पचीस से तीस लाख का खर्च अनुमानित है. पैसो की कमी के चलते उसने मुख्यमंत्री निधि से मदद की गुहार लगाई. लेकिन चार माह बीत जाने पर भी उसे मदद नहीं मिली . पिछले सप्ताह मंगेश ने जिला कलेक्टर दफ्तर के सामने आंदोलन भी किया बावजूद सरकारी अफसरों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. आखिर उसने अपनी पिता को बचाने के सभी रास्ते बन्द होता देख अपनी ही जान को खत्म करने का फैसला लिया . मंगेश आज टावर पर चढ़ा और पिता के इलाज के लिए दर दर की ठोकरें खाने के बावजूद सरकारी मदद न मिलने के चलते वो जान दे रहा है ऐसी धमकी दी. लगातर दो घंटो तक लोग और पुलिस प्रशासन उसे समझाता रहा लेकिन उसने नीचे न उतरने की बात दोहराई. इस बीच औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील को जैसे ही इस मामले की खबर मिली वो मौके पर पहुंचे और काफी देर तक मंगेश को समझाया. उसे भरोसा दिलाया की वो उसे न सिर्फ मदद दिलाएंगे बल्कि उसके साथ खड़े रहेंगे. आखिर दो घंटो बाद वो नीचे उतर आया.
मंगेश ने कहा मै पिछले चार माह से सरकारी दफ्तरों से लेकर मुख्यमंत्री निवास, राज्य के अनेक मंत्रियो से मिला की मुझे मेरे पिता की जान बचाने मेरी मदद करो, हर किसीने सिर्फ आश्वस्त किया लेकिन प्रत्यक्ष मदद नहीं की यही वजह है की मैने तंग आकर ये रास्ता चुना।
इम्तियाज़ जलील के आश्वासन के बाद युवक निचे उतरा।
औरंगाबाद.
सरकारी दफ्तर से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक बार बार चक्कर लगाने के बावजूद पिता के इलाज के लिए सरकारी मदद न मिलने से परेशान एक युवक ने टीवी टावर पर चढ़कर आत्महत्या की कोशिश की . मामला महाराष्ट्र के औरंगाबाद का है जहां मंगेश साबले नामक युवक अपने पिता के लीवर की बीमारी को लेकर आर्थिक रूप से परेशान है. प्राथमिक उपचार और टेस्ट के लिए उसने अपनी खेती बेच डाली जिसमे से ज्यादातर पैसा इलाज मे खर्च हो गया. डॉक्टर ने उसे पिता को बचाना है तो ऑपरेशन करना जरूरी बताया जिसके लिए पचीस से तीस लाख का खर्च अनुमानित है. पैसो की कमी के चलते उसने मुख्यमंत्री निधि से मदद की गुहार लगाई. लेकिन चार माह बीत जाने पर भी उसे मदद नहीं मिली . पिछले सप्ताह मंगेश ने जिला कलेक्टर दफ्तर के सामने आंदोलन भी किया बावजूद सरकारी अफसरों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. आखिर उसने अपनी पिता को बचाने के सभी रास्ते बन्द होता देख अपनी ही जान को खत्म करने का फैसला लिया . मंगेश आज टावर पर चढ़ा और पिता के इलाज के लिए दर दर की ठोकरें खाने के बावजूद सरकारी मदद न मिलने के चलते वो जान दे रहा है ऐसी धमकी दी. लगातर दो घंटो तक लोग और पुलिस प्रशासन उसे समझाता रहा लेकिन उसने नीचे न उतरने की बात दोहराई. इस बीच औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील को जैसे ही इस मामले की खबर मिली वो मौके पर पहुंचे और काफी देर तक मंगेश को समझाया. उसे भरोसा दिलाया की वो उसे न सिर्फ मदद दिलाएंगे बल्कि उसके साथ खड़े रहेंगे. आखिर दो घंटो बाद वो नीचे उतर आया.
मंगेश ने कहा मै पिछले चार माह से सरकारी दफ्तरों से लेकर मुख्यमंत्री निवास, राज्य के अनेक मंत्रियो से मिला की मुझे मेरे पिता की जान बचाने मेरी मदद करो, हर किसीने सिर्फ आश्वस्त किया लेकिन प्रत्यक्ष मदद नहीं की यही वजह है की मैने तंग आकर ये रास्ता चुना।
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